अथ हवा कथा---पाकिस्तान से होकर आती है पछिया हवा
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संजय मिश्र
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नीतीश कुमार हवा से परेशान हैं... एलर्जी की हद तक... रह रह कर
उलाहना...उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए भी अपने इस दुख का इजहार कर गए
वे.... प्रकृति भी सोच में पड़ गई हो कि
बेचारे हवा से ऐसा कौन सा अपराध हो गया है... जब तक मामला मशीनी हवा (ब्लोअर वाली)
में उलझा था तब तक वो इसे इनसानी लीला समझती होगी... पर अबकी निशाना पछवा (पछिया)
हवा पर है... प्रकृति का संशय में आना स्वाभाविक... चलिए कुछ पल के लिए उन्हें
छोड़ते हैं....
बात समाचार ये है कि नीतीश कुमार ने पहले इतिहास के प्रोफेसर की
भूमिका ओढ़ ली थी... और अब वे भूगोल या फिर पर्यावरण विज्ञान पढ़ाने निकले हैं देश
को. ...सच में गर्मी में ये पछिया हवा लू बनकर डराती है... और जब जाड़े का समय हो
तो कोल्ड स्ट्रोक का खतरा मंडराता है... इतना तक तो ठीक है पर चिकित्सा विज्ञानी ये
भी कहते कि पछिया हवा निरोगी है... इस बात को नीतीश छुपा ले जाते हैं ...नीतीश इस बात को भी छुपा लेते हैं कि पछिया हवा पाकिस्तान से होकर आती है....
अब आप
सोच रहे होंगे कि पुरबा हवा की बारी कब आएगी? इत्मिनान रखिए चुनाव तक ऐसा होने
वाला नहीं है... लिहाजा आपसे ये नहीं कहा जाएगा कि पुरबा हवा रोग लेकर आती है...
अब आप क्लाइमेक्स सुनें.... जब पुरबा और पछवा हवा मिलती है तो बारिश होती है...
खूब अनाज उपजता है... भुखमरी से निजात का मंसूबा बांधा जाता है... देश ...समाज
उत्फुल्ल हो उठता है... खर्च करने का मन भी करने लगता है... ये सब देख उद्योग जगत
मुस्कराता है....
आप सोच रहे होंगे कि ये कौन सी पहेली है... खुद निर्णय ले लीजिए
आप.... बस पछिया की तरफ से मोदी समझिए और पुरबा का प्रतीक नीतीश को मान लें...
चुनाव २०१४ तक नीतीश ज्ञान की मीमांसा करते रहें... खुदा-न-खास्ता त्रिशंकु की
नौबत आई तो पछिया हवा से पुरबा हवा का मिलन तो न हो पर लिव इन रिलेशन की आकुलता के
दर्शन होंगे... आखिर समझदार लोग कहते फिरते हैं कि राजनीति संभावना का खेल है ...
हिम पर्वत पर विराजमान इंडिया के लोगों के धर्म वाले अराध्य पुरूष और प्रकृति
राजनीति रूपी पछिया और पुरबा हवा की मचलती इस केलि क्रीड़ा को तब निहार रहे
होंगे... बस शेष इस पोस्ट को पढ़नेवाले अनुमान लगा लें... जोड़ लें और घटा भी
लें...
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